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PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
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Rameswaram 2024 : रामेश्वरम एक बहुत सुन्दर शहर है, मन्नार की खाड़ी में मौजूद, रामेश्वरम एक लोकप्रिय द्वीप शहर है, जिसका ऐतिहासिक मूल्य की अपनी एक अलग पहचान है। ऐसा कहा जाता है कि, ये वो जगह है जहां भगवान राम ने राजा रावण के विरुद्ध अपना पड़ाव डाला था। ये शहर भारत के चार धामों में से एक है और यही वजह है कि इसे देश में सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। ये शहर अपना आध्यात्मिक महत्व भी रखता है, जहां पर्यटक आध्यात्मिक जगह देखने के अलावा, दर्शनीय स्थल भी देख सकते हैं।
पंचमुखी मंदिर
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रामेश्वर में पांच मुखी हनुमान मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। उन्हें इस विशेष स्थान पर सेंथूरम से अलंकृत किया गया है। सभी राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की मूर्तियों को मंदिर में रखा गया है और यहां हर देवी देवता की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवताओं की वास्तविक आत्मा को मूर्तियों में डाल दिया गया था, जिसकी वजह से ये मंदिर और भी ज्यादा रहस्यवादी बन जाता है। मूर्ति के अलावा, मंदिर में पत्थर भी हैं जिनका उपयोग राम सेतु बनाने के लिए किया गया था।
रामेश्वरम मंदिर
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खूबसूरत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व का एक आदर्श मिश्रण, रामेश्वरम मंदिर, जिसे तमिलनाडु के रामनाथस्वामी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से आकर्षक माना जाता है, बल्कि रामेश्वरम मंदिर वास्तुशिल्प रूप से भी बेहद आकर्षक है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, मंदिर परिसर में 112 तालाब हुआ करते थे, जिनमें से केवल 12 शेष हैं।
गंधमादन पर्वतम्
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दो मंजिला इस विशाल मंदिर में रखे चक्र पर भगवान राम के पैर अंकित हैं। गंधमादन पर्वतम् मंदिर रामेश्वरम के पास एक पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत के बारे में ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए राम ने हनुमान को औषधीय जड़ी-बूटियां लाने के लिए भेजा था। हनुमान ने तब पर्वत को लाकर इस स्थान पर ही रखा था। पहाड़ के ऊपर मंदिर में भगवान राम के पैरों के निशान पाए जा सकते हैं। ये मंदिर पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाता है।
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लक्ष्मण तीर्थम
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लक्ष्मण तीर्थ का निर्माण भगवान राम के भाई, भगवान लक्ष्मण की प्रेममयी स्मृति में किया गया था। भगवान लक्ष्मण को समर्पित इस मंदिर का निर्माण रामेश्वरम में ही किया गया है। भगवान लक्ष्मण की कई अद्भुत मूर्तियों को संगमरमर से उकेरा गया है और मंदिर में भगवान राम और देवी सीता की मूर्ति भी है जो उनके बीच मौजूद एकता की भावना को दर्शाती हैं।
कोठंडारामस्वामी मंदिर
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कोठंडारामस्वामी मंदिर भारत के दक्षिणी छोर पर और बंगाल की खाड़ी के पास द्वीप पर स्थित है। मंदिर हिंद महासागर से घिरा हुआ है। कोठंडारामस्वामी मंदिर में आप रामायण का इतिहास और कई कहानियां भी देख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां, रावण के भाई विभीषण ने राम से हाथ मिलाया, जिस वजह से इस स्थान पर विभीषण की भी पूजा की जाती है। आपको बता दें, यह एकमात्र मंदिर है जो धनुषकोडी में 1964 के चक्रवात से बच गया था।
थिरुप्पुल्लानी मंदिर
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थिरुप्पुल्लानी भगवान विष्णु को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, लेकिन पीठासीन देवता भगवान दरभा सयाना राम हैं जिनकी मूर्ति लेटी हुई मुद्रा में स्थापित है। आप इस मंदिर में द्रविड़ वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण देख सकते हैं। परिसर का निर्माण तब किया गया था जब चोल साम्राज्य सत्ता में था। यह 108 दिव्य देशमों में से एक है – रामेश्वरम तीर्थयात्रा के दौरान थिरुप्पुल्लानी सबसे अधिक देखा जाने वाला मंदिर है।
धनुषकोडी मंदिर
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धनुषकोडी मंदिर, रामेश्वरम के पास धनुषकोडी शहर में स्थित है। मंदिर अब खंडहर की स्थिति में है, लेकिन अभी भी ये मंदिर सुंदर नजारे प्रस्तुत करता है। इस मंदिर का उल्लेख रामायण में किया गया है। अगर आप खूबसूरत नजारों के साथ-साथ शांति का आनंद लेना चाहते हैं, तो इस मंदिर में आपको दर्शन करने के लिए जरूर जाना चाहिए।